♦ सच्ची माता ♦

एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया।दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं।सौदागर ने राजा से कहा "महाराज - ये गायें माँ - बेटी हैं परन्तु मुझे यह नहीं पता कि माँ कौन है व बेटी कौन - क्योंकि दोनों में खास अंतर नहीं है।
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मैंने अनेक जगह पर लोगों से यह पूछा किंतु कोई भी इन दोनों में माँ - बेटी की पहचान नहीं कर पाया - बाद में मुझे किसी ने यह कहा कि आपका बुजुर्ग मंत्री बेहद कुशाग्रबुद्धि का है और यहाँ पर मुझे अवश्य मेरे प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा इसलिए मैं यहाँ पर चला आया -कृपया मेरी समस्या का समाधान किया जाए।"
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यह सुनकर सभी दरबारी मंत्री की ओर देखने लगे -मंत्री अपने स्थान से उठकर गायों की तरफ गया। उसने दोनों का बारीकी से निरीक्षण किया किंतु वह भी नहीं पहचान पाया कि वास्तव में कौन मां है और कौन बेटी ... ?
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अब मंत्री बड़ी दुविधा में फंस गया, उसने सौदागर से एक दिन की मोहलत मांगी। घर आने पर वह बेहद परेशान रहा - उसकी पत्नी इस बात को समझ गई।उसने जब मंत्री से परेशानी का कारण पूछा तो उसने सौदागर की बात बता दी।यह सुनकर पत्नी मुस्कराते हुए बोली 'अरे ! बस इतनी सी बात है - यह तो मैं भी बता सकती हूँ ।'
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अगले दिन मंत्री अपनी पत्नी को वहाँ ले गया जहाँ गायें बंधी थीं।मंत्री की पत्नी ने दोनों गायों के आगे अच्छा भोजन रखा - कुछ ही देर बाद उसने माँ व बेटी में अंतर बता दिया - लोग चकित रह गए।
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मंत्री की पत्नी बोली "पहली गाय जल्दी -जल्दी खाने के बाद दूसरी गाय के भोजन में मुंह मारने लगी और दूसरी वाली ने पहली वाली के लिए अपना भोजन छोड़ दिया, ऐसा केवल एक मां ही कर सकती है - यानि दूसरी वाली माँ है। माँ ही बच्चे के लिए भूखी रह सकती है - माँ में ही त्याग, करुणा,वात्सल्य,ममत्व के गुण विद्यमान होते है। बोलो राधे राधे।

*** जय श्री राधे ***

♦ बीरबल की चतुराई ♦

एक बार बीरबल बादशाह अकबर के दरबार में देरी से पहुंचे तो क्या उसने देखा कि बादशाह समेत सभी दरबारी उन पर हंस रहे है।

उन्होंने  बादशाह से पूछा कि ” बादशाह सलामत आप सभी हंस क्यों रहे है ?”

इस पर बादशाह को मसखरी सूझी और वो बीरबल से कहने लगे बीरबल असल में हम सभी लोग रंगों के बारे में बात कर रहे थे जैसे कि सभी दरबारी गोरे हैं मैं स्वयं भी गोरा हूं जबकि हम सब में केवल तुम हो जो काले हो इसलिए जब तुम आये तो हम सभी लोगो की हंसी छूट गयी।

बीरबल ने हमेशा की तरह तपाक से जवाब दिया कि बादशाह सलामत आप मेरे रंग का राज नहीं जानते इसलिए ये बात कह रहे है। बादशाह अकबर ने उत्सुकता से पूछा कैसा राज बीरबल?

तो बीरबल ने बादशाह को जवाब दिया कि हजूर माफ़ करें। जब भगवान ने संसार को बनाया तो वो पेड़-पौधे और पशु-पक्षी बनाकर संतुष्ट नहीं हुए। फिर उन्होंने मानव बनाया। वे उसे देखकर बहुत प्रसन्न हुए कि उन्होंने एक बहुत अच्छी कृति बनाई है तो उन्होंने सभी मनुष्यों को पांच मिनट का समय देते हुए उनसे कहा कि वो बुद्धि बल और धन में से कुछ भी ले सकते है।

इस पर मैंने अपनी रूचि से सारा समय बुद्धि लेने में लगा दिया और बाकि चीजों को लेने का समय ही नहीं बचा था। आप सभी ने रूप और धन इक्कठा करने में अपना सारा समय लगा दिया। अब बाकि के लिए मैं क्या कहूं आप खुद ही समझ लीजिये।

बीरबल की बात सुनकर हंस रहे दरबारी सन्न रह गये और उनके चेहरे से हंसी गायब हो गयी सब नीचे देखने लगे। इस पर बादशाह बीरबल की हाजिरजवाबी देखकर कर खिलखिलाकर हंस पड़े।